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वो बेवकूफ था

KADLI KE PAAT कदली के पात
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वो बेवकूफ था

राम कृष्ण खुराना

रवि ने देखा की उसके सामने के मकान में कोइ नया किरायेदार आया है ! उस परिवार में केवल चार सदस्य थे ! पंडित उमाशंकर बैंक में कैशियर थे ! एक उनकी पत्नी जिसकी उम्र 40 -45 के करीब थी ! रंग साफ़ होने के कारण खिचड़ी बालों में भी आकर्षक लगतीं थीं ! एक 19 वर्ष की लड़की, रंग गेहुआं था ! बड़े चटक-मटक के कपडे पहनती थी ! सब कुछ मिलाकर उसे एक बार देख लेने के बाद निगाहे अपने आप ही उस तरफ उठ जाती थीं ! नाम था रीता ! चौथा सदस्य उनका एक छोटा लड़का था किसको सभी प्यार से पप्पू कहते थे !

रवि ने जब रीता को देखा तो उसे देखता ही रह गया ! मोटी-मोटी आँखे, गोल चेहरा, काले लम्बे बाल, मतवाली चाल ! रवि तो उस पर पहली नज़र में ही मर मिटा ! रवि के कमरे की खिड़की सीधी रीता के दरवाजे के सामने ही खुलती थी ! वह घंटो रीता की एक झलक पाने के लिए खिड़की पर खडा रहता ! अब तो जयादातर काम भी वो खिड़की पर ही किया करता था ! नहाने के बाद कपडे पहनते-पहनते खिड़की पर ही पहुँच जाता था ! कंघी करने के लिए भी उसे खिड़की पर ही आना पड़ता था ! कुछ दिनों में धीरे-धीरे करके उसका रोज मर्रा का सामान भी खिड़की पर ही आ गया – केवल एक झलक पाने ले लिए – रीता की !

उधर रीता भी उसके इन कारनामों को देखा करती थी ! देखा-देखी में आकर्षण पैदा हुआ ! एक दिन गली के नुक्कड़ पर दोनों की बातचीत भी हो गयी ! बस फिर क्या था ? चुपके-चुपके दोनों एक दूसरे को मिलने लगे ! प्यार इतना बदा की जब तक एक दूसरे को देख न लेते और हाल न जान लेते तब तक चैन न आता ! कई वादे किए दोनों ने आपस में जिन्दगी भर साथ निभाने के ! जीवन साथी बनकर होने वाले चुन्नू-मुन्नू को साथ खिलाने के !

लेकिन दुनिया वाले इस तरह के प्रेमियों को जीने ही कहाँ देते है ! आखिर बात फैलते-फैलते सारे मोहल्ले में जंगल की आग की तरह फ़ैल गयी ! रीता के मां-बाप को पता चल तो उन्होंने रीता को बहुत समझाया ! परन्तु रीता फिर रवि से चोरी छिपे मिलने लगी ! एक दिन पकड़ी गयी ! बहुत पिटाई हुई ! रीता का बाहर आना-जाना बंद हो गया ! उसको ऊपर की मंजिल में एक कमरा दे दिया गया और बाहर आने-जाने पर पाबन्दी लगा दी ! इससे रवि भी बहुत परेशान रहने लगा ! परन्तु कोइ बस न चलता था ! वह हर समय रीता से मिलने की तरकीब सोचता रहता !

एक दिन साहस करके रवि पिछवाड़े की तरफ से गंदे पानी के पाईप से ऊपर चढ़ गया ! रात का समय था ! दोनों प्रेमी बहुत देर तक अपनी किस्मत पर रोते रहे ! पानी पी-पी कर घर वालों और दुनिया वालों को कोसते रहे ! कैद से छूटने के कई उपाय सोचे गए ! मिलने का कोइ भी रास्ता न सूझ रहा था ! दोनों को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था की क्या करें !

रीता से मिलकर भरे मन से रवि उसी पाईप के सहारे नीचे आने लगा ! लेकिन वाह रे दुर्भाग्य ! आते समय पकड़ा गया ! पहले तो लोगों ने चोर समझा और अच्छी-खासी पिटाई कर दी ! लड़की वालों ने बदनामी के डर से पुलिस में रिपोर्ट नहीं लिखवाई ! परन्तु उसकी मुरम्मत बहुत तबियत से कर दी गयी थी ! लिहाजा रवि को अस्पताल में भरती होना पड़ा ! अब रवि अस्पताल के बिस्तर पर करवटें बदल रहा था और रीता अपने घर में आंसू बहा रही थी ! हाल दोनों का बुरा था !

रीता के घर वालो की चिंता और बढ गयी ! उन्होंने उसके लिए लड़का ढूँढना शुरू कर दिया ! जल्दी ही शादी की तारीख भी तय हो गयी ! रीता ने बहुत हाथ-पैर मारे ! ससुराल जाते समय रीता इतना रोई कि आसमान सर पर उठा लिया ! सारे मोहल्ले वाले हैरान थे ! खैर रोते-धोते शादी हो गयी !

जब रवि को अस्पताल से छुट्टी मिली तो घर आकर पता चला कि रीता तो अपने ससुराल चली गयी है ! रवि को काटो तो खून नहीं ! लेकिन वह कर ही क्या सकता था ! सारा दिन उसकी याद मैं रोता रहता !

कुछ दिन ससुराल में रहने के बाद रीता मायके आई तो रवि ने उससे मिलने की बहुत कोशिश की ! एक दिन मौका पाकर उससे मिला तो लाल साड़ी में लिपटी रीता ने उसे ऐसी झाड पिलाई की रवि उसका मुंह ही ताकता रह गया !

वह बोली – “अब मैं शादी-शुदा हूँ ! मुझे भूल जाओ ! आज के बाद मुझसे मिलने की कोशिश मत करना !”

रवि को उससे ऐसी उम्मीद न थी ! उसने उसको सच्चे दिल से प्यार किया था ! जब रीता की तरफ से उसे कोरा जवाब मिल गया तो उसका दिल टूट गया ! उसने रीता के सभी खतों को इकठ्ठा किया और अपनी छाती पर रखकर रेल की पटरी पर सो गया !

रीता की सहेली ने उससे कहा – “तू तो बड़ी बेवफा निकली ! सुना है रवि तेरे पीछे रेल के नीचे आकर मर गया ! यह भी कहते हैं की तेरे सारे ख़त छाती पर रख कर मरा है !”

रीता ने सहेली की बात सुनी तो मुंह बनाकर बोली – “ऊंह ! वो तो बेवकूफ था !”

राम कृष्ण खुराना

9988950584

khuranarkk@yahoo.in

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